युगों युगों से होता आया नारी का अपमान। युगों युगों से होता आया नारी का अपमान।
अपना वक्त, अपनों को दो ना बहुत जी लिए औरों के लिए! अपना वक्त, अपनों को दो ना बहुत जी लिए औरों के लिए!
दरबदर भटक रहा है अपने देश का भविष्य लाखो जिल्लतें सह रहा है। दरबदर भटक रहा है अपने देश का भविष्य लाखो जिल्लतें सह रहा है।
और भारत को खुशहाल बनाए विश्व में इसका पंचम लहराए।। और भारत को खुशहाल बनाए विश्व में इसका पंचम लहराए।।
मैं भी भारत तू भी भारत, मैं और तुम में सिमटता भारत, मैं भी भारत तू भी भारत, मैं और तुम में सिमटता भारत,
वह है देश के लिए थोड़ा प्यार और सम्मान और साथी प्राणियों के साथ सहिष्णुता की भावना। वह है देश के लिए थोड़ा प्यार और सम्मान और साथी प्राणियों के साथ सहिष्णुता की भ...